
” जागतिक पर्यावरण दिन ”
५ जुन यह दिन पुरे विश्व मे ” जागतिक पर्यावरण दिन ” के नाम से जाना जाता है! बिगडते हुए पर्यावरण के संतुलन को देखते हुए हमने पर्यावरण से प्रेरित होते हुऐ पर्यावरण की रक्षा हेतू हमारा भी योगदान देना चाहिए ईस ऊद्देश से हमने
“निसर्ग भावधारा परिषद, भारत ” इस नाम से संस्था की स्थापना की गई है ,जिसका प्रधान कार्यालय करंजगाव , गांधीघर जिल्हा -अमरावती मे रजिस्टर है ! जिस के संस्थापक अध्यक्ष और पर्यावरण के अभ्यासक आदरणीय श्री.अंबादासजी आकोटकर है!
इस संस्था मे अनेक लोग कार्यरत है ! समय समय पर पर्यावरण के विषय पर चर्चा के माध्यम से हमारी टिम लोगों के बिच जा कर और शिबिरों का आयोजन करते हुए लोगों को पर्यावरण को संतुलित कैसे रखा जाए ,वृक्षारोपण क्युं आवश्यक है इस बाले मे अवगत कराने का कार्य “निसर्ग भावधारा परिषद , भारत ” की टिम गत २०११ से कर रहे है ! जिसमे निर्दलिय समाचार पत्र के संस्थापक श्री.कैलाशजी श्रीवास्तव, श्री. वसंतराव भगत ,श्री.प्रविण आकोटकर ,श्री. वसंत जोशी ,श्री. मनोहर एवं श्री.राजारामजी गुजराती,श्री. चितले ,श्री.यावलकरजी सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता गण
पर्यावरण संतुलन बनाएं रखने हेतू किया गया वनारोपण विकास के इस दौर मे वनों के अंधा-धुंध कटान से पर्यावरणीय संकट उत्पन्न हुआ है! ऐसी स्थिती मे वृहद स्तर पर वृक्षारोपण का कार्य सिधे तोर पर तो किसी को व्यक्ती गत लाभ नहीं देता , परंतु भविष्य के लिये समुचे क्षेत्र को एक बेहतर पर्यावरण के साथ आजीविका प्रदान करने में सक्षम है!
पर्यावरण का संतुलन सुरक्षित रहे पेड न काटे जाए इस उद्देश हेतू जिवनभर संघर्ष करने वाले चिपको ( पेड को चिपक कर ) आंदोलक ,पर्यावरणविद , सर्वोदयी स्व.सुंदरलाल जी बहुगुणा का हाल ही में निधन हो गया है ,
उनसे प्रेरित होकार हम सभी ने पर्यावरण को संतुलित और समृद्ध रखने के लिये अपने- अपने घरों के सामने और समुह के साथ पेड पौधे लगा कर अपना योगदान दे!
यही कामनाओ के साथ…
“जागतिक पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं “
. प्रमिला राऊत,
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ,( NBP)

